Gramin Mahila Shikshan Sansthan

Chairman of Gramin Mahila Shikshan Sansthan

Mr. Jhabar Mal

प्रिय अभिभावक गण एवं छात्राओ ! नव सत्र में आपका हार्दिक स्वागत एवं अभिनन्दन इस आकर्षक एवं भव्य संस्थान में आने वाली प्रत्येक नव प्रवेशित बालिका में यह जानने की उत्सुकता रहती है कि यह संस्थान उसे क्या बनाएगा ? यह संस्थान उसे क्या देगा ? यहाँ उसे कौन मिलेगा ? ज्योंही आप इस संस्थान में कदम रखेंगी – आप स्वयं अपनी कहानी की सृजक बनना प्रारम्भ करेंगी | यहाँ के क्षण आपकी उमंगों के क्षण होंगे , सहपाठियों से सुदृढ़ मित्रता , परिसर के जीवन्त अनुभव, सतत सीखने की ललक जीवन भर आपके साथ स्मृतियों में रहेंगी | आपके सृजन को यहाँ विस्तार मिलेगा, तनाव कम होगा | कुछ समय पश्चात आप स्वयं ज्ञान पिपासु, स्वावलम्बी , संस्कारित , संवेदनशील एवं उदारमना बनकर अपने परिवार व समाज में उजियारा फैलाएंगी | मैं इस भव्य संस्थान में आपका स्वागत करता हूँ | यहाँ की अनेक बालिकाएं आज उच्च पदों पर कार्यरत हैं | प्रीति चंद्रा आईपीएस(डी.आई.जी.)पद पर जयपुर में कार्यरत हैं | स्वाति दूधवाल विश्व तीरंदाजी की सिरमौर हैं | रोमा चौधरी भारतीय राजस्व सेवा की अधिकारी हैं | सुशीला डूडी फोरेंसिक वैज्ञानिक हैं | अनेक पूर्व छात्रायें डॉक्टर , इंजीनियर व प्रशासनिक सेवाओं में हैं, एवं कुछ मेधावी छात्राएँ आई॰आई॰टी में प्रशिक्षणरत हैं | इस संस्थान में बालिकाओं की अन्तर्निहित क्षमताओं को पहचान कर उचित मार्गदर्शन, परामर्श व प्रेरणा प्रदान की जाती है | विचारों के इस संसार में यह संस्थान बालिकाओं को चुनौतियों का सामना करने में सक्षम बनाता है | मानव सम्मान को बढ़ावा दिया जाता है | सामाजिक सेवाओं के माध्यम से समाज की समस्याओं से रूबरू कराया जाता है | इस संस्थान में आप स्वयं को खोजना प्रारंभ करती हैं | संस्थान आपको आधुनिक तकनीकी व प्रौद्योगिकी के समन्वय से भावी जीवन को कौशलपूर्ण बनाने का मंच प्रदान करता है |यहाँ कलात्मक , रचनात्मक व बौद्धिक गतिविधियों को बढ़ावा दिया जाता है | बालिकाओं को प्रारंभिक वर्षो में यहाँ का शांत व ऊर्जावान वातावरण उनके मानसिक उत्थान को सम्बल प्रदान करता है | संस्थान का प्रयास रहता है कि प्रत्येक बालिका को महत्व मिले , पहचान मिले , बालिकाएं विचारों में नवीनता लायें | समय व ज्वारभाटा किसी की प्रतीक्षा नहीं करते | अतः हमें ऊर्जावान बनकर आगे बढ़ना है | हमे प्रगति पथ पर आगे बढ़ना ही है। महत्त्वपूर्ण यह नहीं है कि हम कौन हैं ? कहां से आये हैं ? महत्त्वपूर्ण है अपनी ऊर्जा को नए रास्ते खोजने में लगाएं | स्वावलम्बी बनें , उत्कृष्ट मानवीय मूल्यों को आत्मसात करें |

नैतिक सुदृढ़ता से परिवार व समाज में सक्षम भूमिका अदा करें | तार्किक चिन्तन करना सीखेँ , उचित निर्णय लेना सीखें, आधुनिक सोच व वैज्ञानिक दृष्टिकोण के साथ बालिकाओं का सर्वांगीण विकास हो , यही इस संस्थान का प्रमुख लक्ष्य है | आपके सीखने के अवसर आनन्ददायक हों, स्मरणीय बनें | मूल्यों से समझौता न करें | यह इस संस्थान की परंपरा रही है, क्योंकि नैतिक मूल्यों से ही हमारा भावी जीवन निर्देशित होता है | संस्थान ऐसी भावी नागरिक बनाना चाहता है जो जीवन की चुनौतियों का सामना कर सकें व समाज में परिवर्तन की कारक बन सकें | इस संस्थान से शिक्षा पूर्ण करने के पश्चात आप जहां भी रहें वहीं आपकी अलग पहचान बने | समाज आपको नेतृत्व सौंपे | आप परिवार व समाज में सार्थक बदलाव लावें, यही हमारी कामना है | एक बार पुनः नवागन्तुकों का इस ज्ञान व सीखने की भूमि पर स्वागत है | इस संस्थान के माध्यम से आपकी जीवन-यात्रा मंगलमय हो , प्रकाशवान हो , यही हमारी कामना है | तमसो मा